आर्गेनि‍क फूड स्‍वास्‍थ्‍य के लि‍ए अच्‍छे क्‍यों हैं? | Why is organic food good for health?

Vimla Sharma
5 min readApr 30, 2023
क्यों महत्वपूर्ण हैं आर्गेनिक उत्पाद? Why are organic products important?

पहले के समय में लोग जो खाना खाते थे उसमें पोषक तत्व अधिक होते थे और आज जो हम आहार ले रहे हैं उनमें पोषक तत्व न के बराबर हैं। जिंदगी दौड़-भाग वाली अधिक हो गई है। खाने-पीने तक का समय नहीं है। जितनी हम मेहनत करते हैं, हमारा भोजन उसके अनुसार नहीं होता। यही कारण है कि आज की पीढ़ी अनेक बीमारियों से ग्रसित है। आर्गेनिक फूड इन सब परेशानियों का सबसे बेहतर उपाय है।

क्यों महत्वपूर्ण हैं आर्गेनिक उत्पाद?

क्या हैं आर्गेनिक उत्पाद?

हमने अक्सर देखा और सुना है कि पहले के लोग आज की पीढ़ी से अधिक स्वस्थ रहते थे। उनमें इम्यूनिटी पावर अच्‍छी होती थी। कोई फिल्टर पानी नहीं, ताजी हवा, अच्छा खाना उनकी बेहतर सेहत का राज था। आज देखें तो हर तीसरे या चौथे बच्चे को चश्मा लगा है और व्यस्क किसी न किसी बीमारी से ग्रसित हैं। इन सब की वजह है असंतुलित खान-पान। पहले के समय में लोग जो खाना खाते थे उसमें पोषक तत्व अधिक होते थे और आज जो हम आहार ले रहे हैं उनमें पोषक तत्व न के बराबर हैं। जिंदगी दौड़-भाग वाली अधिक हो गई है। खाने-पीने तक का समय नहीं है। जितनी हम मेहनत करते हैं, हमारा भोजन उसके अनुसार नहीं होता। यही कारण है कि आज की पीढ़ी अनेक बीमारियों से ग्रसित है। आर्गेनिक फूड इन सब परेशानियों का सबसे बेहतर उपाय है।

प्राकृतिक उत्पाद क्या है?

प्राकृतिक उत्पादों के लिए कोई कानूनी नियम या दिशानिर्देश नहीं हैं। जो उत्पाद प्राकृतिक रूप से उगते हैं या प्रकृति में पाए जाते हैं जैसे कि पौधे और खनिज। प्राकृतिक उत्पाद एक प्रयोगशाला में निर्मित नहीं होते हैं। वे सामान्य रसायनों जैसे कृत्रिम सुगंध, परिरक्षकों, कोलोरेंट्स और अन्य सिंथेटिक एडिटिव्स से मुक्‍त हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि उनके पास कार्बनिक तत्व हैं।

उदाहरण के लिए, ग्रीन टी का अर्क प्राकृतिक है लेकिन हो सकता है कि ग्रीन-टी के पत्तों को कीटनाशकों के साथ छिड़का गया हो, जो इसे प्राकृतिक नहीं बल्कि जैविक बनाता है। प्राकृतिक उत्पाद हमेशा सुरक्षित नहीं हो सकते हैं। उदाहरण के लिए, आप सेब के गूदे को एक जार में संरक्षित नहीं कर सकते हैं और इसे अपनी त्वचा पर दिनों के लिए उपयोग कर सकते हैं, क्योंकि गूदे पर एक लाख रोगाणु विकसित होंगे। इस तरह के ‘प्राकृतिक’ अवयवों को बासी बनने से बचाने के लिए एक निश्चित स्तर और प्रकार के परिरक्षक की आवश्यकता हो सकती है।

खाद्य पदार्थों का ऑर्गेनिक उत्पादन किस प्रकार किया जाता है?

सर्वप्रथम हमारा यह जान लेना आवश्यक है कि खाद्य पदार्थों का ऑर्गेनिक उत्पादन किस प्रकार किया जाता है। प्राकृतिक और ऑर्गेनिक उत्पादनों में क्या अंतर है? यह हमारे किस प्रकार हानिकारक और लाभदायक हैं? क्या देखना चाहिए?

एक गुणवत्ता वाले प्राकृतिक उत्पाद में पैराबेंस, पेट्रोकेमिकल्स, सोडियम लॉरिल और लॉरथ सल्फेट्स, फैथलेट्स (Phthalates, यकृत, गुर्दे, फेफड़े और प्रजनन प्रणाली को नुकसान पहुंचा सकता है।), सिंथेटिक रंग और सिंथेटिक रंजक जैसे तत्व शामिल नहीं होने चाहिए।

ऑर्गेनिक उत्पाद, पौधों पर आधारित अवयवों से बने होते हैं जो उर्वरकों और कीटनाशकों के उपयोग के बिना उगाए जाते हैं। इसके बजाय, जैविक किसान मृदा में खाद या खाद जैसे जैविक पदार्थों को जोड़कर, फसलों के मिश्रण को बढ़ने और (पिछली फसलों द्वारा मिट्टी से लिए गए पोषक तत्वों को बदलने के लिए) एक स्वस्थ उपजाऊ मिट्टी विकसित करते हैं। कार्बनिक उत्पादों में ऐसे घटक नहीं होते हैं जो आनुवंशिक रूप से संशोधित होते हैं। वे पेट्रोकेमिकल से मुक्‍त हैं, जिसके कारण इन उत्पादों में प्राकृतिक गुण बने रहते हैं।

आर्गेनिक उत्पाद क्यों चुनें?

जैविक विधि से उगे फल, सब्जी और अनाजों में विटामिन, मिनरल्स, प्रोटीन, कैल्शियम, आयरन जैसे जरूरी तत्व मौजूद होते हैं, जो एक सेहतमंद शरीर के लिये अनिवार्य है।

ऑर्गेनिक हमारे लिए किसी प्रकार से हानिकारक नहीं हैं। यह अन्य उत्पादों से हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहतर हैं। ऑर्गेनिक उत्पादों में किसी भी प्रकार के केमिकल्स, पेस्टीसाइड, ड्रग्स, प्रिजर्वेटिव जैसे नुकसानदेह चीजों का प्रयोग नहीं होता। इसमें विटामिन्स, मिनरल्स, प्रोटीन्स, कैल्शियम और आयरन की मात्र होती है जो कि हमारे स्वस्थ सेहत के लिए बहुत आवश्यक हैं। लेकिन आजकल लोगों के पास समय नहीं हैं, वे ‘रेडी टू ईट’ खाना अधिक पसंद करने लगे हैं, जो कि कैमिकलयुक्त होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी सही नहीं हैं। आप नाश्ते में ताजे फल, सलाद, ग्रीन टी सब ले सकते हैं। खाने में मसालों के स्वाद पाने के लिए सूखा पुदीना, अदरक, तुलसी इन सबका प्रयोग भी कर सकती हैं। आज के समय में ऑर्गेनिक उत्पादनों का प्रयोग ही सबको करना चाहिए। स्वाद इतना भी आवश्यक नहीं कि आप उसके लिए बाहर का कैमिकल युक्त उत्पादों का प्रयोग कर अपने स्वास्थ्य को हानि पहुंचायें। आप ऑर्गेनिक उत्पादों से भी सभी तरह के व्यंजनों लुफ्त उठा सकते हैं।

भारत में ज्यादातर किसान अब पर्यावरण अनुकूल जैविक खेती पर जोर दे रहे हैं, जिसमें रसायनों का इस्तेमाल नहीं जाता, बल्कि खेती के लागत को कम करने के लिये जैविक खाद (Organic Fertilizer), जैविक कीटनाशक (Organic Pesticides) पर जोर दिया जाता है। इस प्रकार खेती करने से किसानों को उपज के अच्छे दाम मिल जाते हैं और पर्यावरण संरक्षण में भी मदद मिलती है।

हर तरह की फसल की जैविक खेती करने के लिये गोबर मुख्य साधन के रूप में काम करता है, जिससे गोबर की खाद, वर्मी कंपोस्ट, फसलों के अपशिष्ट से बनी हुई खाद, खेती से पहले ढेंचा और सनई उगाकर हरी खाद बनाना आदि शामिल है।

  • जैविक खेती करते समय रासायनों का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं किया जाता, बल्कि खादों की इतनी वैरायटी को मिट्टी में मिलाने पर फसल को अपने आप पोषण मिल जाता है।
  • जैविक खेती से मिट्टी की उर्वरता तो बढती ही है, साथ इससे उपजे प्रॉडक्ट्स का सेवन करने शरीर भी स्वस्थ रहता है, जो साधारण फल-सब्जियों से मुमकिन नहीं हो पाता।
  • ये जैविक खाद ही तो है, जिसकी मदद से मिट्टी और फसलों को प्राकृतिक रूप से नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटाश, मैग्नीशियम, कैल्शियम और एक्टीनोमाइसिट्स समेत जरूरी पोषक तत्व मिल जाते हैं।
  • यही कारण है कि साधारण के मुकाबले ऑर्गेनिक फल, सब्जी, अनाज, मसालों या किसी भी कृषि उत्पाद में अलग ही स्वाद होता है।

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